चंडीगढ़ न्यूज डेस्क: चंडीगढ़ की 17 वर्षीय कैफी ने अपने हौसले और मेहनत से 12वीं बोर्ड परीक्षा में 95.6% अंक हासिल कर मिसाल कायम की है। तीन साल की उम्र में हुए एसिड अटैक में अपनी आंखों की रोशनी खो देने के बावजूद, उन्होंने कभी हार नहीं मानी। चेहरे पर गंभीर जख्मों के बावजूद, कैफी ने जीवन में आगे बढ़ने का संकल्प लिया और इस परीक्षा में न केवल पास हुईं, बल्कि अपने स्कूल में टॉप भी किया।
कैफी ने चंडीगढ़ के ब्लाइंड स्कूल में पढ़ाई की, जहां उन्होंने कठिन परिस्थितियों का सामना करते हुए खुद को साबित किया। उन्होंने अपने आत्मविश्वास और मेहनत से यह साबित कर दिया कि कोई भी शारीरिक कमी इंसान की ताकत और हौसले को कम नहीं कर सकती। कैफी का मानना है कि शिक्षा ही उनकी सबसे बड़ी ताकत है, जिसने उन्हें यह मुकाम हासिल करने में मदद की।
उनका अगला लक्ष्य भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) में जाना है। कैफी कहती हैं कि वे समाज में बदलाव लाने और दूसरों की मदद करने के लिए IAS ऑफिसर बनना चाहती हैं। उनकी यह सफलता उन लाखों छात्रों के लिए प्रेरणा है, जो किसी न किसी कठिनाई का सामना कर रहे हैं।
परिवार का कहना है कि कैफी बचपन से ही पढ़ाई में होनहार रही हैं और उन्होंने कभी अपने हालात का बहाना नहीं बनाया। उनके परिवार ने भी उन्हें हर कदम पर समर्थन दिया, जिससे वे इस मुकाम तक पहुंच पाईं। अब कैफी अपने अगले लक्ष्य की ओर बढ़ने के लिए पूरी तैयारी कर रही हैं।