चंडीगढ़ न्यूज डेस्क: चंडीगढ़ न्यूज डेस्क: चंडीगढ़ में पहली बार एक ऐसा ट्री मैप तैयार किया गया है, जिससे पता चलेगा कि शहर की हर सड़क पर कौन-कौन से पेड़ लगे हैं। वन विभाग द्वारा तैयार यह मैप 5 जुलाई को प्रशासक गुलाबचंद कटारिया लॉन्च करेंगे। खास बात ये है कि इस मैप को डिजिटल फॉर्मेट में भी उपलब्ध कराया जाएगा, ताकि लोग ऑनलाइन ही गूगल मैप की तर्ज पर किसी भी सड़क के पेड़ों की जानकारी ले सकें।
हर पेड़ की होगी पूरी जानकारी
वन विभाग के मुखिया सौरभ कुमार के मुताबिक, अमेरिका के कई शहरों की तरह चंडीगढ़ भी अब डिजिटल ट्री मैप से जुड़ने जा रहा है। इस मैप में हर पेड़ को एक हरे बिंदु से दिखाया जाएगा, जिस पर क्लिक करते ही उसकी प्रजाति, लोकेशन और जानकारी सामने आ जाएगी। यह पहल न सिर्फ हरियाली को संरक्षित करने में मददगार होगी, बल्कि शहर की मूल योजना के अनुरूप पौधरोपण सुनिश्चित करने में भी मदद करेगी।
पुरानी प्लानिंग में हुआ था वैज्ञानिक पौधरोपण
चंडीगढ़ की प्लानिंग के दौरान, 1962 से 1975 के बीच हर सड़क पर अलग-अलग प्रजाति के पेड़ लगाए गए थे, जैसे इमली, पलाश, अमलतास, महोगनी, पिलखन आदि। मकसद था कि अगर एक प्रजाति में कोई बीमारी आ जाए तो पूरे शहर की हरियाली पर असर न पड़े। लेकिन वक्त के साथ पुराने पेड़ों की जगह बिना योजना के चकरसिया जैसे आम पेड़ लगाए जाने लगे। अब यह ट्री मैप सुनिश्चित करेगा कि जहां जो पेड़ था, वही दोबारा लगाया जाए।
पुरानी पहचानें भी लौटेंगी
कभी चंडीगढ़ की सड़कों को पेड़ों के नाम से जाना जाता था, जैसे सेक्टर 26 से 7 की रोड को ‘इमली रोड’, सेक्टर 28-29 की डिवाइडिंग रोड को ‘महोगनी रोड’ कहा जाता था। यह पहल न केवल हरियाली का वैज्ञानिक प्रबंधन सुनिश्चित करेगी, बल्कि शहर की पारंपरिक पहचान को भी फिर से जीवित करेगी।
यह ट्री मैप चंडीगढ़ को स्मार्ट और सतत शहरों की दिशा में एक और कदम आगे बढ़ाता है, जिससे हरियाली की सुरक्षा और बढ़ोतरी सुनिश्चित की जा सकेगी।