चंडीगढ़ न्यूज डेस्क: चंडीगढ़ में सड़क चौड़ीकरण के लिए ‘रॉक गार्डन’ की एक दीवार को हटाने के फैसले के खिलाफ लोगों ने प्रदर्शन किया, जिसके बाद प्रशासन ने सफाई दी कि यह दीवार नेकचंद द्वारा बनाई गई मूल संरचना का हिस्सा नहीं है। रविवार को शहर के नागरिक, सामाजिक कार्यकर्ता और धरोहर संरक्षणवादी इस फैसले के विरोध में एकजुट हुए। हालांकि, प्रशासन का कहना है कि पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के आदेश के तहत ट्रैफिक समस्या का हल निकालने के लिए यह कदम उठाया जा रहा है।
प्रशासन के अनुसार, यह फैसला हाईकोर्ट के पास पार्किंग व्यवस्था सुधारने और सड़क को चौड़ा करने के लिए लिया गया है। अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि दीवार को पूरी तरह गिराया नहीं जाएगा, बल्कि इसे पुनः निर्मित किया जाएगा, ताकि रॉक गार्डन की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत सुरक्षित रहे। प्रशासन का कहना है कि यह संतुलित कदम है, जिससे ट्रैफिक व्यवस्था बेहतर होगी और गार्डन की मूल सुंदरता बनी रहेगी।
प्रदर्शनकारियों का मानना है कि प्रशासन को सड़क चौड़ीकरण के लिए अन्य विकल्प तलाशने चाहिए थे। इस फैसले को ‘चंडीगढ़ के इतिहास में दुखद दिन’ बताते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता एम एल सरीन ने सोशल मीडिया पर लिखा कि नेकचंद की अनमोल कृति को सड़क और वाहनों की पार्किंग के लिए नष्ट किया जा रहा है, वह भी उनके जन्म शताब्दी वर्ष में। प्रदर्शनकारियों ने प्रशासन से फैसले पर पुनर्विचार करने की मांग की है।