चंडीगढ़ न्यूज डेस्क: हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी की सुरक्षा में बड़ी चूक सामने आने के बाद बवाल मच गया है। यह मामला चंडीगढ़ पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर रहा है। हरियाणा सरकार ने इस पर कड़ा ऐतराज जताते हुए कहा कि सीएम सैनी के हरियाणा निवास पहुंचने के लिए रूट क्लियर कराना चंडीगढ़ पुलिस की जिम्मेदारी थी। लेकिन जब वे संत कबीर कुटीर से रवाना हुए तो पंजाब भवन के बाहर लगा गेट बंद मिला, जिसकी चाबी पंजाब सरकार के सुरक्षा गार्ड के पास थी।
गेट बंद होने के कारण मुख्यमंत्री नायब सैनी का काफिला करीब 15 मिनट तक हाई-सिक्योरिटी जोन में खड़ा रहा। इस दौरान केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर भी उनके साथ मौजूद थे। दोनों नेताओं को जेड प्लस सिक्योरिटी प्राप्त है, इसके बावजूद उनकी सुरक्षा को लेकर आवश्यक प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया गया। यह घटना 19 फरवरी की रात 11 बजे हुई, जब मुख्यमंत्री का काफिला असहज स्थिति में फंस गया, जिससे उनकी सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े हो गए।
इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री नायब सैनी ने भी नाराजगी जताई। हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि पंजाब भवन का गेट बंद था, जबकि ऐसा नहीं होना चाहिए था। उन्होंने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान की उस घोषणा का जिक्र किया, जिसमें उन्होंने कहा था कि वहां सुरक्षा गार्ड तैनात किया जाएगा ताकि कोई भी वीआईपी रात में भी आ-जा सके। उन्होंने जोर देकर कहा कि रास्ते को बंद रखना उचित नहीं है, क्योंकि इससे सुरक्षा और आवागमन में दिक्कत होती है।
चंडीगढ़ पुलिस इस मामले की जांच कर रही है। एसएसपी कंवरदीप कौर ने कहा कि जांच जारी है और एसएसपी सिक्योरिटी सुमेर प्रताप ने आश्वासन दिया कि चूक कहां हुई, इसकी हर एंगल से समीक्षा की जा रही है। इस क्षेत्र की सुरक्षा पहले भी सवालों के घेरे में रही है, क्योंकि चार साल पहले इसी संवेदनशील इलाके में पानीपत के बीजेपी विधायक की कार में आग लगा दी गई थी। अब इस घटना के बाद हरियाणा की खुफिया एजेंसियां भी अपने स्तर पर जांच में जुट गई हैं, जबकि चंडीगढ़ पुलिस से भी विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है।