चंडीगढ़ न्यूज डेस्क: आईपीएस अधिकारी निलांबरी जगदले को लुधियाना का नया डीआईजी नियुक्त किया गया है। इससे पहले वह डीआईजी इंटेलिजेंस और डीआईजी रोपड़ के पद पर कार्यरत थीं। निलांबरी जगदले अपनी सख्त छवि और अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के लिए जानी जाती हैं। चंडीगढ़ में एसएसपी के रूप में सेवा देने के दौरान वह ‘लेडी सिंघम’ के नाम से मशहूर हुईं। उनके नेतृत्व में कई नामी गैंगस्टर सलाखों के पीछे पहुंचे, जिससे अपराधियों में उनका खौफ बना रहा।
चंडीगढ़ में रहते हुए उन्होंने कई बड़े ऑपरेशनों को अंजाम दिया था। कुख्यात गैंगस्टर दिलप्रीत उर्फ बाबा को उनके नेतृत्व में पैर में गोली मारकर गिरफ्तार किया गया था। इसके अलावा, उन्होंने शहर के एक बड़े होटल में छापेमारी कर 16 लाख रुपये के जुए के रैकेट का भंडाफोड़ किया था, जो अब तक की सबसे बड़ी रिकवरी मानी जाती है। इस दौरान उन्होंने सभी अधिकारियों के मोबाइल बंद करवा दिए थे और ऑपरेशन को गोपनीय रखते हुए सफलता हासिल की थी। डीआईजी रोपड़ रहते हुए भी उन्होंने कई अपराधियों को सलाखों के पीछे पहुंचाया था।
अपने करियर में निलांबरी ने कई संवेदनशील और जटिल मामलों को सुलझाया है। उन्होंने चंडीगढ़ में ऑटो गैंगरेप के दो बड़े मामलों को हल किया था, जहां अपराधियों ने युवतियों को अगवा कर जंगलों में गैंगरेप किया था। उनकी सटीक जांच के चलते डीएनए टेस्ट से दोनों मामलों में एक ही आरोपियों की संलिप्तता साबित हुई, जिसके बाद अपराधियों को उम्रकैद की सजा दिलाई गई। उनकी तेज तर्रार कार्यशैली और सूझबूझ ने इन मामलों में न्याय सुनिश्चित किया।
2017 में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम के दोषी करार दिए जाने के बाद पंचकूला में भड़की हिंसा के दौरान भी निलांबरी जगदले ने मोर्चा संभाला था। समर्थकों ने चंडीगढ़ में घुसने की कोशिश की थी, लेकिन उन्होंने सख्ती दिखाते हुए शहर को सुरक्षित रखा। उनकी रणनीति के चलते चंडीगढ़ में हिंसा नहीं फैली, जबकि पंचकूला में पुलिस को फायरिंग करनी पड़ी थी। मनीमाजरा और चंडीगढ़ बॉर्डर से राम रहीम के कई समर्थकों को गिरफ्तार किया गया था। अब लुधियाना डीआईजी के रूप में उनकी नई जिम्मेदारी को एक और चुनौती के रूप में देखा जा रहा है, क्योंकि यह पंजाब का सबसे बड़ा जिला है।