चंडीगढ़ न्यूज डेस्क: शंभू और खनौरी बॉर्डर पर किसानों के खिलाफ पंजाब पुलिस ने सख्त रुख अपनाया है। पुलिस ने धरना स्थल पर लगे तंबुओं को हटाने की कार्रवाई शुरू कर दी है। बैरिकेड्स हटाने के बाद किसानों को वहां से हटाया गया और इसके बाद पुलिस ने पूरे इलाके को अपने नियंत्रण में ले लिया है। पुलिस ने तंबुओं के अंदर रखे सामान को भी बाहर निकाल दिया है। इसके साथ ही, इंटरनेट सेवाओं को भी अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है ताकि किसी भी तरह की अफवाहें या गलत सूचना फैलने से रोकी जा सके। इलाके में तनाव को देखते हुए भारी पुलिस बल की तैनाती की गई है और स्थिति पर कड़ी नजर रखी जा रही है।
खनौरी बॉर्डर पर पुलिस ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं और किसी को भी किसानों के तंबुओं के पास जाने की इजाजत नहीं दी जा रही है। सोशल मीडिया पर बॉर्डर खुलने की अफवाहें फैलने के बाद पुलिस ने ट्रैफिक को वापस भेज दिया और इलाके को पूरी तरह से सील कर दिया है। कुछ किसान अपने ट्रैक्टर-ट्रॉलियों के साथ अपने गांव लौट रहे हैं, जबकि पुलिस की सतर्कता बनी हुई है। पुलिस ने इलाके को शांतिपूर्ण बनाए रखने के लिए स्थिति पर लगातार नजर रखी है और किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है।
गुरुवार सुबह हरियाणा पुलिस ने किसानों की आवाजाही रोकने के लिए लगाए गए कंक्रीट बैरिकेड्स हटाने का काम शुरू किया। इससे पहले बुधवार को पंजाब पुलिस ने धरना स्थल को खाली करा दिया था। पुलिस ने प्रदर्शनकारी किसानों को हटाने के साथ-साथ प्रमुख किसान नेताओं जगजीत सिंह डल्लेवाल और सरवन सिंह पंधेर को हिरासत में ले लिया। ये नेता शंभू बॉर्डर की ओर जा रहे थे, लेकिन मोहाली में पुलिस ने उनके काफिले को रोककर हिरासत में ले लिया। इस कार्रवाई के बाद इलाके में फिलहाल शांति बनी हुई है, लेकिन पुलिस ने किसी भी अप्रत्याशित स्थिति से निपटने के लिए सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है।