चंडीगढ़ न्यूज डेस्क: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भ्रष्टाचार से जुड़े एक बड़े मामले में जांच शुरू कर दी है, जिसमें ईडी के असिस्टेंट डायरेक्टर, सीबीआई के एक डीएसपी और दो अन्य लोग आरोपी हैं। इस मामले को लेकर ईडी ने चंडीगढ़ के स्पेशल सीबीआई कोर्ट में एफआईआर और चार्जशीट की कॉपियां हासिल करने के लिए आवेदन दायर किया, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है। दिलचस्प बात यह रही कि आरोपियों के बचाव पक्ष ने इस आवेदन का विरोध नहीं किया, जिससे अदालत का फैसला और भी महत्वपूर्ण हो गया।
सीबीआई पहले ही इस मामले में चार्जशीट दाखिल कर चुकी है, जिसमें ईडी अधिकारी विशाल दीप, सीबीआई डीएसपी बलबीर सिंह, और विशाल के दो रिश्तेदार विकास दीप व नीरज के नाम शामिल हैं। इन पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 और बीएनएस की धारा 61 के तहत आरोप लगे हैं। मामला हिमाचल प्रदेश के स्कॉलरशिप घोटाले से जुड़ा हुआ है, जिसमें आरोप है कि आरोपी अधिकारियों ने रिश्वत लेकर कार्रवाई को प्रभावित करने की कोशिश की।
इस घोटाले की जांच के दौरान, ऊना के देव भूमि ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस और सिरमौर के हिमालयन ग्रुप ऑफ प्रोफेशनल इंस्टीट्यूशंस के चेयरमैनों ने शिकायत दर्ज कराई थी। उनका आरोप था कि ईडी अधिकारी विशाल दीप और उनके सहयोगियों ने उनके खिलाफ दर्ज मामलों में गिरफ्तारी से बचाने के लिए रिश्वत की मांग की थी। मामले की जांच में यह भी सामने आया कि सीबीआई डीएसपी बलबीर सिंह ने शिकायतकर्ता को रिश्वत देने के लिए प्रेरित किया और मामले को कमजोर करने की कोशिश की।
पूछताछ के बाद सीबीआई डीएसपी बलबीर सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया। जांच में पाया गया कि बलबीर सिंह ने 14 दिसंबर 2024 को दिल्ली के होटल ललित में शिकायतकर्ता और आरोपी विशाल के बीच बैठक करवाई थी। इसके अलावा, 22 दिसंबर 2024 को मोहाली के एरोसिटी रोड, जीरकपुर के पास रिश्वत पहुंचाने में भी उनकी भूमिका सामने आई। अब इस पूरे मामले में प्रवर्तन निदेशालय की जांच तेज हो गई है, जिससे भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।