चंडीगढ़ न्यूज डेस्क: केंद्र सरकार और किसानों के बीच लंबे समय से चल रहे गतिरोध को सुलझाने के लिए एक और बैठक तय की गई है। यह किसानों और केंद्र के बीच सातवीं मीटिंग होगी, जो बुधवार (19 मार्च) को सुबह 11 बजे चंडीगढ़ में होगी। बीते एक साल से किसान फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) समेत कई मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। केंद्र सरकार की ओर से किसानों को इस बैठक के लिए आधिकारिक पत्र भेजा गया है। किसानों को उम्मीद है कि इस बार बातचीत में कोई ठोस समाधान निकल सकता है।
इस बैठक में केंद्र सरकार के मंत्रियों के अलावा पंजाब सरकार के मंत्री भी शामिल होंगे। इसके साथ ही संयुक्त किसान मोर्चा फोरम और किसान मजदूर मोर्चा फोरम के नेता भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराएंगे। किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने पुष्टि की है कि दोनों फोरम के प्रतिनिधि बैठक में हिस्सा लेंगे और अपनी मांगों को मजबूती से पेश करेंगे। इससे पहले 22 फरवरी को केंद्र और किसानों के बीच हुई बैठक बिना किसी नतीजे के खत्म हो गई थी। किसानों ने साफ कहा है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, आंदोलन जारी रहेगा।
जगजीत सिंह डल्लेवाल का आमरण अनशन अब 113वें दिन में प्रवेश कर चुका है। वह पंजाब-हरियाणा के खनोरी बॉर्डर पर किसानों की मांगों को लेकर अनशन पर बैठे हुए हैं। बैठक का पत्र मिलने के बाद डल्लेवाल ने कहा कि वह 19 मार्च की बैठक में हिस्सा लेंगे और सरकार के सामने किसानों की समस्याएं खुलकर रखेंगे। पहले यह बैठक शाम 5 बजे तय थी, लेकिन अब इसका समय बदलकर सुबह 11 बजे कर दिया गया है।
किसानों ने अपने आंदोलन को और तेज करने की रणनीति तैयार कर ली है। जानकारी के मुताबिक, किसान शतराना, नरवाना, घनौर और अंबाला के विधायकों को ज्ञापन सौंपेंगे। इसके अलावा 23 मार्च को शहीद भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु के शहादत दिवस पर तीनों मोर्चों पर कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इतना ही नहीं, खनौरी और शम्भू मोर्चों पर 30 मार्च को 'फसल बचाओ, नस्ल बचाओ' महापंचायत का आयोजन किया जाएगा। इस कार्यक्रम में स्कूल, कॉलेज और यूनिवर्सिटी के छात्र भी बड़ी संख्या में शामिल होंगे।