चंडीगढ़ न्यूज डेस्क: चंडीगढ़ नगर निगम ने शहर की 89 पेड पार्किंग की नीलामी की योजना तैयार कर ली है। पिछले दो साल से नगर निगम खुद ही इन पार्किंगों का संचालन कर रहा था। अब 25 मार्च को निगम सदन की बैठक में इस नीलामी का प्रस्ताव लाया जाएगा। मेयर हरप्रीत कौर बबला ने बताया कि इस बार पार्किंग व्यवस्था को अधिक सुविधाजनक और आधुनिक बनाने के लिए नियमों में कई बड़े बदलाव किए जा रहे हैं। सबसे बड़ा बदलाव यह होगा कि अब एंट्री की जगह एग्जिट पर पार्किंग शुल्क लिया जाएगा, ताकि एंट्री के समय लगने वाली लंबी कतारों से बचा जा सके। इसके अलावा सभी पार्किंग को स्मार्ट बनाया जाएगा और शुल्क का भुगतान डिजिटल माध्यम से किया जाएगा, जिससे खुले पैसे की समस्या खत्म होगी। नगर निगम को उम्मीद है कि इस नीलामी से सालाना 10 से 15 करोड़ रुपये का राजस्व मिल सकता है, जिससे कई रुके हुए प्रोजेक्ट पूरे किए जाएंगे।
प्रस्तावित नीलामी में दोपहिया वाहनों को मुफ्त पार्किंग की सुविधा देने की योजना है, जबकि चार पहिया वाहनों के शुल्क का निर्धारण सदन की बैठक में चर्चा के बाद किया जाएगा। इस बार पूरे शहर की पार्किंग एक ही कंपनी को देने का प्रस्ताव रखा गया है, जिसे लेकर कई पार्षदों ने आपत्ति जताई है। पार्षदों का कहना है कि पार्किंग को अलग-अलग जोन में बांटकर ठेके देने चाहिए, ताकि किसी एक कंपनी पर पूरी व्यवस्था का दबाव न हो। इससे किसी एक कंपनी के ठेका छोड़ने की स्थिति में अन्य कंपनियों से निगम को राजस्व मिलता रहेगा।
सीनियर डिप्टी मेयर जसबीर सिंह बंटी ने इस फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा कि पहले भी एक कंपनी को पूरी पार्किंग का ठेका दिया गया था, लेकिन कंपनी ने बीच में ही काम छोड़ दिया, जिससे निगम को नुकसान उठाना पड़ा था। उन्होंने सुझाव दिया कि अलग-अलग कंपनियों को जोन के हिसाब से पार्किंग ठेका दिया जाए, ताकि किसी एक कंपनी के पीछे हटने पर भी अन्य से राजस्व मिलता रहे। नगर निगम को इस नीलामी से अच्छी कमाई होने की उम्मीद है और अधिकारियों का मानना है कि नए नियमों से पार्किंग की सुविधा बेहतर होगी और लोगों को परेशानी से राहत मिलेगी।