चंडीगढ़ न्यूज डेस्क: भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी ने तुर्किये और अजरबैजान के साथ 23 यूनिवर्सिटी से अपने एमओयू खत्म कर लिए हैं। इससे पहले लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी (एलपीयू) ने भी राष्ट्रीय सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए तुर्किये और अजरबैजान के इंस्टीट्यूट्स के साथ की गई सभी शैक्षणिक साझेदारियों को खत्म करने का फैसला किया था।
पाकिस्तान का साथ देना पड़ा महंगा
तुर्किये ने पाकिस्तान का समर्थन कर भारत के खिलाफ ड्रोन हमला किया था, जिसे भारतीय एयर डिफेंस ने हवा में ही नष्ट कर दिया। इससे नाराज होकर भारत ने तुर्किये के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है। हिमाचल के सेब व्यापारियों ने भी तुर्किये से सेब के आयात पर रोक लगाने की मांग की है, जिससे तुर्किये का व्यापार भी प्रभावित हो सकता है।
देशहित सबसे पहले
एलपीयू के फाउंडर चांसलर डॉ. अशोक मित्तल ने कहा, "जब हमारे बहादुर सशस्त्र बल देश की रक्षा के लिए अपनी जान जोखिम में डाल रहे हैं, ऐसे में हम एक यूनिवर्सिटी के रूप में शांत नहीं रह सकते।"
तुर्किये की पाकिस्तान के समर्थन की नीति के चलते अब भारतीय यूनिवर्सिटीज ने अपने शैक्षणिक संबंधों को तोड़कर स्पष्ट संदेश दिया है कि देशहित सबसे पहले है।