चंडीगढ़ न्यूज डेस्क: आईजीआईएमएस को अब एसजीपीजीआई लखनऊ और पीजीआई चंडीगढ़ की तर्ज पर विकसित किया जाएगा। शुक्रवार को संस्थान के 42वें स्थापना दिवस के समापन कार्यक्रम में राज्य के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने यह घोषणा की। उन्होंने बताया कि पूर्वी भारत का सबसे बड़ा नेत्र अस्पताल बनने के बाद अब यहां 500 बेड का नया अस्पताल भी शुरू कर दिया गया है, जबकि 1200 बेड की क्षमता वाला एक और अस्पताल निर्माणाधीन है। सरकार की योजना है कि राज्य के किसी भी व्यक्ति को इलाज के लिए बाहर न जाना पड़े और सभी जरूरी चिकित्सा सुविधाएं यहीं उपलब्ध कराई जाएं।
कार्यक्रम का उद्घाटन स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे, अस्पताल निदेशक डॉ. बिंदे कुमार, उप निदेशक व आरआईओ के प्रमुख डॉ. विभूति प्रसन्न सिन्हा, मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. मनीष मंडल और प्रजनन औषधि विभाग की अध्यक्ष डॉ. कल्पना सिंह ने संयुक्त रूप से किया। इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि इस ऐतिहासिक समारोह का हिस्सा बनना उनके लिए गर्व की बात है। कार्यक्रम के दौरान संस्थान की वार्षिक पत्रिका ‘गुगलिस’ का अनावरण भी किया गया, जिसके अध्यक्ष प्रो. पीके दूबे और सचिव डॉ. विनीत ठाकुर हैं।
मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. मनीष मंडल ने कहा कि आने वाले वर्षों में आईजीआईएमएस इलाज और मेडिकल एजुकेशन के क्षेत्र में देश के अग्रणी संस्थानों में शामिल होगा। इस अवसर पर खेल प्रतियोगिताओं और स्वास्थ्य प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया, जिसमें कॉलेज के छात्रों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। प्रतिभागियों ने विभिन्न प्रतियोगिताओं में अपने कौशल का प्रदर्शन किया और उत्कृष्ट प्रतिभाओं को पुरस्कृत किया गया।
समापन समारोह के दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रमों की धूम रही। फैशन शो, डांस परफॉर्मेंस और पश्चिमी संगीत प्रस्तुतियों ने दर्शकों को खूब मनोरंजन किया। इस मौके पर डॉ. ओम कुमार, डॉ. निलेश मोहन समेत विभिन्न विभागों के डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मी मौजूद रहे। आईजीआईएमएस के इस ऐतिहासिक दिन ने संस्थान के भविष्य की नई संभावनाओं को मजबूत किया और चिकित्सा क्षेत्र में इसकी बढ़ती भूमिका को रेखांकित किया।