चंडीगढ़ न्यूज डेस्क: पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट की सख्ती के बाद पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ पुलिस को मजबूरन बड़ा कदम उठाना पड़ा। अदालत ने कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि बिना एफआईआर दर्ज किए किसी भी मामले की जांच शुरू करना कानूनन गलत है और यह सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की खुली अवहेलना है। इसके बाद तीनों राज्यों के पुलिस महानिदेशकों ने हलफनामा दायर कर बताया कि उन्होंने तत्काल प्रभाव से ऐसे सभी मामलों में जांच रोक दी है जिनमें एफआईआर दर्ज नहीं की गई थी।
हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान यह चौंकाने वाला तथ्य सामने आया कि पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ के कई पुलिस थानों में एफआईआर दर्ज किए बिना भी जांच शुरू कर दी जाती है। अदालत ने इसे सुप्रीम कोर्ट के 2013 के ललिता कुमारी बनाम उत्तर प्रदेश राज्य केस में दिए गए निर्देशों का उल्लंघन बताया। उस फैसले में कहा गया था कि संज्ञेय अपराध की शिकायत मिलने पर एफआईआर दर्ज करना अनिवार्य है।
इस मुद्दे पर सुनवाई कर रही जस्टिस एनएस शेखावत की बेंच ने साफ शब्दों में कहा कि एफआईआर के बिना की गई कोई भी जांच न केवल अवैध है बल्कि इससे जुड़े अधिकारियों को मुआवज़ा भी देना पड़ सकता है। कोर्ट ने यह भी चेतावनी दी कि यदि आगे भी ऐसी घटनाएं हुईं, तो संबंधित पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कोर्ट की अवमानना की कार्रवाई शुरू की जाएगी।
पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ के पुलिस प्रमुखों ने हाई कोर्ट को अपने हलफनामों में भरोसा दिलाया है कि अब बिना एफआईआर किसी भी मामले में जांच नहीं की जाएगी। साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि पहले से जारी उन जांचों को भी तुरंत बंद कर दिया गया है जो एफआईआर दर्ज किए बिना चल रही थीं। कोर्ट के निर्देश के बाद अब पूरे पुलिस तंत्र को नियमों के अनुसार काम करने की हिदायत दी गई है।