चंडीगढ़ न्यूज डेस्क: सतलुज-यमुना लिंक (एसवाईएल) नहर को लेकर दशकों से चला आ रहा विवाद अब खत्म होने की उम्मीद जगी है। पहली बार ऐसा हुआ है जब पंजाब ने इस मुद्दे पर लचीला रुख दिखाते हुए समाधान की बात खुलकर की है। दिल्ली में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सी.आर. पाटिल की अध्यक्षता में हुई अहम बैठक में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि अगर रावी और चिनाब नदियों से 23 मिलियन एकड़ फीट पानी मिल जाए, तो ये विवाद हमेशा के लिए खत्म हो सकता है। उन्होंने इस दिशा में केंद्र सरकार से मदद मांगी।
बैठक में पंजाब ने साफ किया कि एसवाईएल नहर उनके लिए एक नासूर बन चुकी है और वे इस मुद्दे को अब खत्म करना चाहते हैं। भगवंत मान ने यह भी कहा कि हमें पाकिस्तान से लड़ना चाहिए, न कि हरियाणा जैसे अपने भाई से। उन्होंने कहा कि हम भाई घनइया की परंपरा से आते हैं, जो युद्ध के मैदान में भी दुश्मनों को पानी पिलाते थे। पंजाब चाहता है कि इस पानी के झगड़े का ऐसा हल निकले जिससे नहरें दोनों राज्यों में बनें और दोनों को पानी मिले।
वहीं, हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने भी सकारात्मक संकेत देते हुए कहा कि बातचीत का माहौल सार्थक रहा। हरियाणा भी लंबे समय से पानी की कमी झेल रहा है और इस विवाद से काफी नुकसान हुआ है। सैनी ने उम्मीद जताई कि अगली बैठक में कोई ठोस समाधान निकल सकता है। उन्होंने भी पंजाब के प्रति भाईचारे का संदेश दिया और कहा कि दोनों राज्य एक ही आंगन में रहते हैं।
अब सबकी नजरें 5 अगस्त को दिल्ली में होने वाली अगली बैठक पर टिकी हैं। ऐसा लगता है कि वर्षों पुराने इस जल विवाद को अब आपसी समझदारी और सहयोग से सुलझाने की दिशा में पहली ठोस शुरुआत हो चुकी है।